लौड़े की तकदीर-1 Laude Ki Taqdeer-1


HotSexStory  के पाठकों को मेरा प्रणाम.. जनाब.. मैं अपनी एक कहानी आपके समक्ष लाने जा रहा हूँ.. जो मुझे आज तक समझ नहीं आई कि लड़कियाँ और औरतें चाहती क्या हैं। चलो आप सब का वक़्त क्यों जाया करूँ.. मैं एक 27 साल का युवक हूँ.. चूंकि मैं हिमाचल से हूँ.. तो फिट भी हूँ। यह कहानी उस वक़्त की है.. जब मैं चंडीगढ़ पढ़ने के लिए आया था, मेरी उम्र 23 साल थी। इधर जल्दी ही मेरे 3 दोस्त बन गए.. एक सच्ची बात कहूँ कि उस वक़्त तक मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.. ना ही मैंने इस बारे में कभी सोचा था, बस मैं अपने में मस्त रहता था.. शाम को पैग-शैग लगा कर सो जाता था। मेरे दोस्त कुलदीप.. राहुल.. पुनीत तीनों की गर्लफ्रेण्ड थीं.. साले आते-जाते फोन पर ही चिपके रहते थे। वहीं मज़ाक-मजाक में मैं उनको छेड़ देता था.. फोन छीन लेता था.. ज़ोर से कहता कि देख वो तेरी वाली जा रही है.. इस सब में मुझे बहुत मज़ा आता.. मेरी यह मज़ाक वाली आदत उनकी गर्ल-फ्रेंड्स को भी पता थी। धीरे-धीरे वो भी मुझसे chotigolpohotstoryकभी बात करने लगी थीं। उन्होंने मेरा फोन नम्बर भी ले लिया था, जब भी उनकी लड़ाई होती.. तो मुझे फोन करतीं.. ‘वो फोन नहीं उठा रहा.. प्लीज़ आशु.. उसको बोलो..’ वे इस तरह कभी रात को लड़ते.. कभी दिन में लड़ते.. और पंचायत मुझे करनी पड़ती। सारे बन्दे मुझसे प्यार करते थे.. तो मेरे कहने पर उनकी सुलह भी हो जाती।जब मैं उनकी इन हरकतों से फ्री होता था.. तो मेरे पास सिर्फ सोने का काम ही बचता था। एक दिन पुनीत ने बताया- मुझे मेरी गर्लफ्रेंड निहारिका ने मिलने बुलाया है.. और उसने कहा है कि तुम दोनों भी साथ चलो। तो मैं और राहुल चले गए। निहारिका पठानकोट के पास थी हमको वहाँ पर पहुँचने में 5 घंटे लगे। वहाँ हमने दो कमरे ले लिए होटल में और पुनीत को निहारिका का फोन आया और वो उसे लेने चला गया। हम दोनों ने उसके कमरे में खूब पर्फ्यूम छिड़का.. एक कामोत्तेजक गोली भी उसे दी कि भाई आज अपना दम दिखा कर रहना.. ज़रा वक्त लगा कर खेल करना। जैसे ही निहारिका आई.. मैं हैरान.. परेशान.. वो बहुत ही खूबसूरत थी.. पर उसका फिगर देख कर मैं थोड़ा परेशान हो गया। वो तो एक मस्त माल लग रही थी.. 36डी-32-42 का फिगर था। एक नज़र में तो मैंने सोचा कि पुनीत तूने ग़लत लड़की को चुना है। वो लड़की काम औरत ज़्यादा लग रही थी। उसने आकर हमसे बात की और हमारे द्वारा बिना नाम बताए भी उसने हमें पहचान लिया। वो मुझसे आँख में आँख डाल कर बात कर रही थी और मैं हैरान था कि पहली बार किसी और की गर्लफ्रेंड उसके दोस्तों से मिले.. तो इतना भी नहीं होता.. थोड़ी बहुत शर्म तो होती ही है। कॉफ़ी पी कर वो अपने कमरे में चली गई। मैंने राहुल से कहा- अब क्या करें.. वो तो साला फोन पर लग गया.. मैं अकेला था तो अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड बियर के साथ हो लिया.. मैं 3 बोतल पी कर गाड़ी में ही सो गया। मैं तीन घंटे बाद उठा तो देखा तीनों लंच पर मेरा इन्तजार कर रहे थे.. मैं उठ कर उनके पास गया और देखा कि निहारिका का चेहरा ऐसे लग रहा था.. जैसे आधा खून निचुड़ गया हो.. उसकी आँखें पूरी लाल.. जैसे पता नहीं कितनी पी रखी हो। मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ था। खैर.. हम लोग खाना खा रहे थे और मैंने नोटिस किया कि पुनीत शर्मा रहा है.. जैसे किसे चीज़ से शर्मिंदा हो और नज़रें नहीं मिला रहा था। वैसे मेरा कोई सेक्स अनुभव नहीं था लेकिन मैंने सेक्स पर बहुत कुछ पढ़ रख रखा था। लड़की जो मेरा शौक था कभी अपनी भी शादी होनी थी.. ये शौक आज भी है.. पुनीत निहारिका को छोड़ने चला गया। तब राहुल से मैंने कहा- यार निहारिका थोड़ी बड़ी नहीं लगती? राहुल ने भी ‘हाँ’ कहा और फिर मैंने भी कह दिया- मुझे तो पूरी चुदक्कड़ सी लगती है.. जैसे पता नहीं कितनी चुद चुकी है। राहुल भी यही कहना चाहता था.. मैंने कहा- चल यार.. जब दिल आया गधी पर तो परी क्या चीज है। अब पुनीत का दिल जाने और वो। राहुल- वो नेचर की बहुत अच्छी है.. उतने में पुनीत आ गया। अब बारी थी उससे पूछने की कि क्या-क्या हुआ? उसने बताया- उसने तोलौड़े की तकदीर-1 Laude Ki Taqdeer-1 मेरा लौड़ा फाड़ने को रख दिया था। ऊपर से चुदाई का मूड भी था। कोई 5 मिनट तक चुम्बन करने के बाद दोनों ने कपड़े उतारे और निहारिका को खूब गरम किया।पुनीत ने बताना शुरू किया कि जैसे ही कमरे में गए.. वैसे ही कुण्डी लगा कर मैंने निहारिका को चुम्बन करना शुरू कर दिया। लंच से जाते वक्त ही गोली खा ली थी.. उतने में मैंने पूछा- भाई खून कितना निकाला.. सील तोड़ी होगी ना तूने.. कहता हैं काफ़ी निकाला.. indian sex videoऔर रुमाल से साफ़ किया.. जो निहारिका यादगार के तौर पर अपने साथ ले गई है। मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था कि हमें चूतिया बना रहा है.. अब जब साफ़ ही दिख रहा हो.. तो कोई भी समझ जाएगा कि बंदा झूठ बोल रहा है। उसने बताया- मैंने एक घंटे तक लगातार निहारिका को चोदा.. वो चीखती चिल्लाती रही। मैंने पूछा- क्या चिल्ला रही थी? तो बोला- वो माआअर डाला.. हइई माअर डाला.. ह.. . अब और मत करो कह रही थी.. कसम से यार बहुत मज़ा आया उसके नरम-गरम बदन को मसलने और चोदने मैं- मैंने तो उसको घोड़ी बना कर चोदा.. उसकी चूत फाड़ कर रख दी। अभी उसको दवाई देकर आया हूँ। इस तरह हम बातें करते-करते वापिस आ गए। अगले दिन मैं छुट्टी लेकर अपने गाँव चला गया.. कोई हफ़्ते बाद लौटा.. चूंकि हिमाचल में मैं पंजाब का नम्बर नहीं चलता था.. तो कोई बातचीत न हो सकी थी। जब वापिस आया तो देखा निहारिका के मैसेज पड़े थे.. मिस्ड कॉल के मैसेज भी थे। मैंने मैसेज देखा उसमें लिखा था कि पुनीत मुझसे बात नहीं करता.. फोन नहीं उठाता.. प्लीज़ आशु उसको बोलो.. मुझसे बात करे.. ऐसी बेरूख़ी ना दिखाए.. अब मैंने पुनीत को कॉल की और निहारिका से बात करने को कहा। पुनीत मुझ पर भड़क उठा.. कहता मैंने उससे बात नहीं करनी.. वो औरों से भी बात करती है.. उसका किसी और के साथ भी अफेयर है। मैंने उससे प्रेम किया था और जब मैं उसको चोद रहा था.. उसी दिन चुदाई के आखिरी वक्त.. उसके पास किसी यार का फोन आया था.. इसलिए मेरा और उसका रिलेशन उसी वक़्त ख़त्म हो गया था जिस दिन उसे चोदा था। यह सुन कर मैं हैरान था.. पर लगा चलो मेरा आइडिया सही था कि निहारिका खेली-खाई लगती है। कुछ देर बाद निहारिका ने कॉल की.. मैंने उठाई और निहारिका को खरी-खोटी सुना दीं। मैंने उससे कभी दुबारा कॉल ना करने को भी कह दिया। अब दोस्त के लिए सब कुछ हाजिर है.. मगर फिर भी निहारिका के मैसेज मुझे आते थे। वो मुझे एक अच्छा दोस्त मानती थी जबकि मैं उससे बचने का प्रयास करने लगा था। वो कभी-कभी शाम को कॉल भी करती थी.. जो लगभग उस दिन आती थी.. जिस दिन मैंने पी होती थी। मैं उसको खूब लताड़ता और कहता- मैंने पी रखी है.. प्लीज़ डोन्ट टॉक टू मी.. बिना उसकी बात सुने.. मैं फोन काट देता था। दोस्तो, यह सिलसिला लगभग एक साल तक चलता रहा। एक दिन रविवार को मैं अपने कमरे में सोया हुआ था। दिन के कोई 2 या 3 बजे होंगे.. कि अचानक मेरा फोन बजा.. तो मैंने सोचा किसी दोस्त ने अपना नम्बर बताने को फोन किया होगा। वो दिन मैं कभी नहीं भुला सकता.. उस दिन मैंने एक लड़की कहूँ या औरत को.. वो कहा.. जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। वो फोन indian hot videoथा निहारिका का था.. और वो बात आज भी मुझे शब्द दर शब्द याद है.. मैं- हैलो.. दूसरी तरफ़ से किसी महिला की आवाज़ आई- हैलो.. मैं- कौन? वो- पहचान लो.. मैं- देखो ना तो मैं तुम्हें जानता हूँ.. ना ही मेरी कोई गर्ल-फ्रेण्ड है.. आप बताओ.. कौन बोल रही हो? मेरे दिमाग़ में निहारिका लग तो रही थी.. पर मैं पक्का नहीं था कि वो होगी। ‘मैं निहारिका बोल रही हूँ..’ मैं गुस्से में बोला- क्यों फोन किया..? एक बार समझ में नहीं आता क्या.. दुबारा फोन मत करना। वो- प्लीज़ आशु.. एक बार बात कर लो.. मैं तुम्हें कुछ पुनीत के बारे में बताना चाहती हूँ.. मैं- बोलो जल्दी से.. वक्त नहीं है मेरे पास.. वो- तुम्हें पता है.. indian new hot storyउस दिन जब मिले थे तब क्या हुआ था? मैं- हाँ पता है.. वो- बताओ पुनीत ने मेरे बारे में क्या कहा था? मैं गुस्से में बोला- कैसी लड़की हो तुम.. अपनी उस रात के बारे में मुझसे सुनना चाहती हो? वो- तुम बताओ तो.. उसने जो भी कहा.. मैं- तो सुनो.. दोस्तो, निहारिका ने मुझसे पूरी दास्तान सुनने के बाद जो बताया था और उसके बाद जो हुआ वो मेरे लिए एक अजीब वाकिया था.. क्या था वो.. ये सब जानने के कहानी का अगला भाग जरूर पढ़ें। कहानी अगले भाग में समाप्य।
আমি তাহের, আমার অনেক দিনের ইচ্ছে বিদেশে গিয়ে লেখা পড়া করব তাই একটি কোচিং সেন্টারে ইংলিশ কোর্স এ ভর্তি হলাম। ক্লাসে গিয়ে দেখি একটি সুন্দর মেয়ে এসেছে সব টিচার থেকে সুরু করে সব ছেলেরাই পাগল একটি মেয়ের জন্য। মেয়েটির সাথে পরিচয় হলাম, মেয়েটি বল্ল তার নাম আরনিসা। ক্লাস সুরু হবার দুই তিন দিন পর আরনিসা থেকে জানতে পারলাম যে গত দুই মাস আগে তার বিয়ে হয়েছে এক প্রবাসীর সাথে bangla choti golpo বিয়ের এক মাস পর তার স্বামী আবার আমেরিকা চলে গেছে। আগামী দুই তিন মাসের মধ্যে আরনিসা কে তার স্বামী আমেরিকা নিয়ে যাবে, তাই এই ইংলিশ কোর্স এ ভর্তি হয়েছে। আমি আরনিসার কথা সুনেই তাকে বলে ফেললাম তাহলে আজ থেকে তুমি আমার ভাবি। আরনিসা বল্ল এ কথা সবাই কে বলার দরকার নেই। আমাদের ক্লাসের টিচার বলল আমরা সবাই যদি একে অপরের সাথে ইংরেজি কথা বলি তাহলে তারাতারি শিখতে পারব। তাই আমি আরনিসা কে বললাম আমি কি তুমার সাথে রাতের বেলা ইংরেজি তে ফোনে কথা বলতে পারি? আরনিসা প্রথমে রাজি হল না কিন্তু পরে বল্ল এতে আমাদের দুজনেরই লাভ কিন্তূ ক্লাসের কেউ যেন না জানে। আমি বললাম আমাকে বিশ্বাস কর ভাবি। মোবাইলে রাতের বেলা কথা বলতে বলতে অনেক গনিস্ট হয়ে যাই আমরা দুজন, মাজে মধ্যে সেক্সুয়াল কথা বলি আমরা। ভাবীর আমার ব্যবহার খুব পছন্দ তাই আমাকে প্রায় তার বাড়ি ডাকে, আমিও ভাবীর সঙ্গে দেখা করে বেশ মজার মজার কথা বলে ভালো সময় কাটাই । মোবাইলে কথা বার্তার ফাঁকে, এক রাতে ভাবী বলেই ফেল্ল তাঁর বিয়ে হয়েছে কিন্তু মনের মত স্বাদ পায় নি। তাই ভাবী আমাকে বলল যেহেতু তুমার বিয়ে হয় নি সেহেতু তুমিও কোন স্বাদ পাও নি। সেজন্য আমরা ঠিক করলাম একে অপরের স্বাদ মেটাবো, আমাদের খুব স্বাধারণ ভাবেই এই আলোচনা হয়েগেলো । বেসি নাটক করার প্রয়োজন হয় নি কারণ আমরা দুজনেই স্ট্রেট ফরোয়ার্ড, আরনিসা আমাকে বল্ল যত দিন সে দেশে থাকবে তত দিন যেন আমি তার স্বামীর দায়িত্ব পালন করি। তাই আরনিসা রাতের বেলা তার ফ্ল্যাটের দরজা খুলা রাখত জাতে করে প্রতি রাতেই আমি সহজে রুমে ডুকে আরনিসা ভাবীকে চুদি ভাবীর সঙ্গে আনন্দ করি। সবচেয়ে বেশি আনন্দ হয়ে ছিলো যখন আমি প্রথম বার ভাবীর বাড়ি গিয়ে ছিলাম । শোয়ার ঘরটা এমন সাজিয়ে রেখে ছিলো যেন আমাদের ফুলশয্যার রাত, আমি ভাবীর জন্য একটা ফুলের তরা নিয়ে গিয়ে ছিলাম । ভাবী সেদিন নিজের জন্য একটা টকটকে পিংক কালারের নাইট গাউন এনে রেখে ছিলো যেটা থেকে এপার অপার দেখা যাচ্ছিলো । রাত্রের খাওয়ার indian hot story পর ভাবী আমাকে বললো তুমি শোয়ার ঘরে গিয়ে বসো আমি আসছি । আমি শোয়ার ঘরে ভেতরে গেলাম দেখলাম বিছানাটা ফুলে ভর্তি আর সুন্দর একটা গন্ধ আসছে, বিছানায় বসা তো দুরে থাক আমি ঘুরে ঘুরে ঘরটা দেখতে লাগলাম । একটু পড়ে ভাবী এলো পিংক গাউন পড়ে ভাবী কে দেখেই আমার বাঁড়া দাঁড়িয়ে গেলো, ওহ –কি দেখতে গাউন-এর পাতলা কাপড়ের মধ্যে দিয়ে ভাবীর মাই দেখা যাচ্ছে । ভাবী আমার দিকে এগিয়ে এলো আমার ইচ্ছা হলো গিয়ে কিস করি কিন্তু সাহসে কুলোলো না । ভাবী আমার কাছে এলো আমাকে ঠেলে ফেলে দিলো বিছানার ওপর, আমার চুলের মুঠি ধরে আমাকে নিজের বুকের কাছে নিয়ে গেলো । জড়িয়ে ধরল আমার মাথা টা আমার গাল ভাবীর মাই-এর ওপরে । বাংলা চটি Something with big sister আমিও ভাবীকে ধরলাম, এবার একটু সাহস এসেছে, ভাবীর মুখ দুহাতে ধরে আমার মুখের কাছে নিয়ে এলাম ঠোঁটে ঠোঁট ঠেকালাম । এবার কিস করলাম ভাবীও আমাকে কিস করলো একে অপরের ঠোঁট চুষতে লাগলাম, আমার ঠোঁট ভাবীর ঘরের কাছে নিয়ে গেলাম, ঘর চুষতে লাগলাম । ভাবী যেন পাগল হয়ে গেলো, আমার জামার বোতাম খুলল, পেন্টও খুলে দিলো এই ভাবে আমাকে ধীরে ধীরে উলঙ্গ করে ফেললো আমিও ভাবীর গাউন খুলে ভাবীকে উলঙ্গ করে ফেললাম । আমি জানতাম এইসব কিছু হবে তাই আগে থাকতে বাল কেটে রেখে ছিলাম, এবার আমরা দুজনে উলঙ্গ হয়ে একে অপরকে জড়িয়ে ধরে রেখেছি, আমি জানি ভাবী বাঁড়া চুষতে ভালো বাসে না । তাই আমি সেরকম কিছু চেষ্টাই করলাম না সোজা আমার ৭.৫ ইঞ্চি বারাটা ভাবীর গুদে ভরে দিলাম আর ধীরে ধীরে ঠাপাতে লাগলাম, ভাবী শীত্কার করতে লাগলো— আহ—আহ—উহ—আহ— আর পারছি না—আহ— আমি ধীরে ধীরে আমার ঠাপন বাড়ালাম আর ভাবীর গুদের ভেতরেই মাল ফেলে দিলাম । ওহ– কি সুখ ? আমি আর ভাবী দুজনই চরম আনন্দ পেয়ে uhh ahh sound download ছিলাম তাই ভাবী আমার বাঁড়ার জন্য পাগল হয় আর রাত আসতে না আসতে ফোন করতে শুরু করে দেয় কখন যাব।

বয়স্ক বাঙালী মহিলাদের ভারী শরীর, তাদের ফোলা ফোলা মাই

Bangla choti বয়স্ক বাঙালী মহিলাদের ভারী শরীর, তাদের ফোলা ফোলা মাই, choda chudir golpo লদলদে পোদ এবং বগলের তলায় কালো বাল দেখে আমি গরম হয়ে যাই। বাড়া ফোঁস ফোঁস করতে থাকে। সে যেই হোক না কেন। আমার মা রঞ্জনা, প্রতিবেশী শর্মিষ্ঠা কাকী, বাড়ির কাজের বুয়া টুকু

 মাসী সবাইকে দেখে আমি গরম হয়ে যাই।আমাদের মধ্যবিত্ত পরিবার। বাড়িতে মোট তিনজন থাকি। New choti golpo আমি, বাবা, মা, কাজের মহিলা টুকু মাসী সকালে আসে সন্ধায় চলে যায়। আমার বয়স ২৪ বছর, তাই চোদাচুদির ভাবনা সবসময় মাথায় ঘোরে। আমার ঘরের পাশে বস্তি। সেখানে বয়স্ক মহিলারা গোসল করার সময় তাদের আধা নেংটা শরীর দেখে আমি বাড়া খেচে বীর্যপাত করি। আমাদের ফ্ল্যাট বাসা। রাতে বাবা মায়ের ঘর থেকে উহ্‌ আহ্‌ ইস্‌ শব্দ ভেসে আসে। আমি দরজার পাশে দাঁড়িয়ে লুকিয়ে সেই শব্দ শুনে বাড়া খেচি। exlov মায়ের গোঙানি আর পচর পচর শব্দ শুনে আমি বুঝতে পারি মায়ের দৈহিক ক্ষুধা অনেক বেশি। বাবা প্রতি রাতে ৪/৫ বার করে মাকে চোদে। মা গুদ ফাক করে বাবার চোদন খেয়ে ঠান্ডা হবার চেষ্টা করে। বাবা যে মাকে ঠান্ডা করতে পারেনা আমি সেটাও জানি। কারন চোদাচুদি শেষ হওয়ার পর বাবা মা এসব নিয়ে কথা বলে। – “তুমি অনেক বুড়ো হয়ে গেছো। আগের মতো আর চুদতে পারোনা। তোমাকে দিয়ে কিছু হবেনা।” – “আমি তো যথাসাধ্য চেষ্টা করি। তোমারই সেক্স বেড়ে গেছে।” – “আমার সেক্স বাড়েনি। আগে ১০ মিনিটের আগে তোমার বীর্যপাত হতো না। এখন ৫ মিনিটও থাকতে পারোনা। আমি বলেই এখনো তোমার সাথে আছি। অন্য কোন মেয়ে হলে কবেই পরপুরুষ দিয়ে চোদাতো।” – “তুমি তো বেগুন দিয়েই কাজ সারো।” – “বেগুন কি বাড়ার মজা দিতে পারে।” যাইহোক এভাবেই চলছিলো। আমার মা একজন সাধারন মহিলা, বাঙালী ঘরের বৌ। সংসারের কাজ করা, খাওয়া দাওয়া আর রাতে গুদ কেলিয়ে স্বামীর চোদান খাওয়া, এই হলো মায়ের কাজ। মায়ের বয়স ৫২ বছর, ধবধবে ফর্সা শরীর, এই বয়সে বেশ মোটাসোটা হয়ে গেছে। মা বাড়িতে সবসময় শাড়ি সায়া এবং হাত কাটা ব্লাউজ পরে। শরীর বেশ মোটা বলে গরম বেশি লাগে তাই বেশির ভাগ সময় ব্রা পরেনা। তবে বাড়ির বাইরে বের হলে সেজেগুজে বের হয়। পাতলা সুতীর শাড়ি, পাতলা ব্লাউজ, ব্লাউজের নিচ দিয়ে ব্রার ফিতা দেখা যায়। বাড়িতে সাধারনত অপরিচিত মানুষ আসেনা তাই পরনের কাপড়ের প্রতি মায়ের খুব একটা খেয়াল থাকেনা। ব্লাউজের ফাক দিয়ে বড় বড় ফর্সা মাই দুইটার উঁকিঝুকি মারা স্বাভাবিক ব্যাপার । আমাদের পাশের ফ্ল্যাটের শর্মিষ্ঠা কাকী। কাকীর স্বামী মানে কাকা এবং বাবা একই অফিসে কাজ করে। কাকীও একটা মারাত্বক ধরনের সেক্সি মহিলা। আমি নিশ্চিত কাকীর মাই আর পোদ মায়ের চেয়ে বেশি বড়। কাকীর দেড় বছরের একটা বাচ্চা আছে। কাকী প্রতিদিন দুপুরে বাচ্চাকে সাথে নিয়ে মায়ের সাথে গল্প করতে আমাদের বাড়িতে আসে। আমি তখন চোখ বড় বড় করে কাকীর মাই পোদের নাচানাচি দেখি। একদিন দুপুরে খাচ্ছি এমন সময় কাকী পোদ দুলিয়ে মায়ের ঘরে ঢুকলো। কাকীর পরনে মায়ের মতো হাত কাটা ব্লাউজ। মাই দুইটা তো ব্লাউজ ছিড়ে বের হতে চাইছে। আমার মাথায় একটা দুষ্ট বুদ্ধি চাপলো, ভাবলাম দেখি তো দুই মাগী কি এতো গল্প করে। আমি তাড়াতাড়ি খাওয়া শেষ করে দরজা অল্প ফাক কান পাতলাম। বাচ্চাটা বিছানায় ঘুমাচ্ছে। দুই মাগী চোদাচুদির কথা বলছে। – “দিদি তোমার খবর কি?” – “ঐ একটা কষ্টেই তো আছি। তোর দাদা আগের মতো আর পারেনা। সব সময় ভোদা দিয়ে রস পড়ে। একটু পর পর ভোদা মুছি।” – “দাদার যে কি হয়েছে। ঠিকমতো পারেনা কেন??” – “ঐ মিনষের কথা আর বলিস না। আমি গরম হওয়ার আগেই শালার বীর্যপাত হয়ে যায়।” – “তাহলে তো বেগুন ছাড়া তোমার আর কোন গতি নেই।” মা হেসে খাটের নিচ থেকে একটা বেগুন বের করে বললো, “এটা দিয়েও হয়না। আরো মোটা কিছু দরকার।” – “এটা দিয়ে কি আসল মজা পাওয়া যায়।” – “কি করব। এটা দিয়েই ঠান্ডা হওয়ার চেষ্টা করি। তারপর তোর মোমবাতির খবর কি?” – “চলছে একরকম।” – “আচ্ছে শর্মী, আমাকে একটা কথা বলতো। তোর দাদার ক্ষমতা নেই দেখে আমি বেগুন ব্যাবহার করি। তোর স্বামী তো তোকে অনেক সুখ দেয়। তুই মোমবাতির দরকার কি?” – “কি বলবো দিদি। আমার স্বামী সেই যে ভোদার পর্দা ফাটালো, তারপর থেকে ভোদাটা সবসময় শুধু খাই খাই করে। আমার স্বামী প্রতি রাতে ৫ থেকে ৬ বার চোদে। চুদতেও পারে অনেক্ষন ধরে। একবার শুরু করলে ১২/১৩ মিনিটের আগে থামেনা।” – “তাহলে তোর সমস্যা কোথায়?” – “দিনে দিদি দিনে। দিনেও ইচ্ছা করে কেউ আমাকে চুদুক। তাই মোমবাতির ব্যাবস্থা। বাচ্চাটা হওয়ার পর থেকে ভোদার ক্ষুধা আরো বেড়েছে।” আমি মনে মনে বললাম, “ মাগী আমাকে বলিস না কেন। আমি তো সারাদিন ফ্রি থাকি। দিনে তোকে চুদতে আমার কোন সমস্যা নেই।” – “তোমার দাদা (কাকীর স্বামী) কাল একটা জিনিষ এনেছে। তোমাকে দেখাবো বলে নিয়ে এসেছি।” কাকী ব্যাগ থেকে বাড়ার মতো মোটা একটা প্লাস্টিকের বাড়া বের করলো। – “বাহ! জিনিষটা তো বেশ খাসা। একদম আসল বাড়ার মতো, অনেক মোটা।” – “তোমার দাদা বলেছে সকাল বিকাল এটা দিয়ে করতে।” – “যাক ভালোই হলো। তুই তো মোমবাতি ব্যবহার করিস। এখন থেকে এটা দিয়ে করবি” আমি বুঝলাম কাকীও মায়ের চেয়ে বেশি কামুক। কাকার চোদান খাওয়ার পরেও ভোদার জ্বালা কমে না। তাই কাকা চোদার জ্বালা কমানোর জন্য তাকে এটা এনে দিয়েছে। – “কাল তোমার দাদা ও আমি একটা বিদেশী চোদাচুদির ছবি দেখেছি। ও মা দিদি তোমাকে কি বলবো। কয়েকটা ছেলে মেয়ে কি সব যে করলো!!!” – “অনেকদিন এই সব ছবি দেখা হয়না। আগে তোর দাদা মাঝেমাঝে আনতো। এখন তপু বড় হয়েছে তাই আর আনে না। তা ছবি কেমন দেখলি?” – “ওফফ্‌ দিদি কি বলবো। বিদেশি গুলো আসলেই কতো কিছু করে। একটা মেয়ে আরেকটা মেয়ের ভোদায় মুখ দিয়ে কি চোষা চুষলো, তোমার দাদাও ওভাবে চোষেনা। ছেলে গুলোর বাড়া কি মোটা, দেখলেই ভয় লাগে।” – “পোদ চুদেনি।” – “ঐটা আবার না করে। ইংরেজি ছবি মানেই তো যতোসব নোংরামি। পোদ চুদবে, ভোদা চুষবে, বাড়া চুষবে, মেয়েরা বীর্য খাবে আরো কতো কি।” – “তুইও তো কম না। তোর স্বামীর সাথে তুইও অনেক নোংরামি করিস। – “কি করবো। তোমার দাদা এইসব খুব পছন্দ করে। আর সে আমার পোদ না চুদলে রাতে ঘুমাতে পারে না, তাই বাধ্য হয়ে চুদতে দেই।” – “ঢং এর কথা বলিস না। আমার স্বামীকে আমার পোদ চোদা দুরের কথা পোদে হাত লাগাতেও দেইনা। সত্যি করে বল তো পোদ চোদাতে তোর কেমন লাগে?” – “সত্যি বলতে দিদি এখন আমারও অনেক ভালো লাগে। বিশেষ করে যখন পায়খানা ধরে তখন তো অন্যরকম মজা লাগে। একদিকে পায়খানার চাপ, আরেকদিকে বাড়ার চাপ, অন্যকম মজা মজা দিদি, না করলে বুঝবে না।” – “নোংরা কথা বন্ধ কর। নইলে আমি এখনেই বমি করে দিবো।” – “দিদি ইংরেজি ছবিটা দেখবে নাকি?” – “ঐসব ছবি দেখলে সমস্যা হয়। কোন পুরুষ কাছে থাকে না, শরীরটাও গরম হয়ে যায়।” – “ঠিক কথা বলেছো দিদি। সকালে আবার ছবিটা দেখে তো আমার অবস্থা একদম খারাপ হয়েছিলো।” – “তা তুই কি করলি?” – “তোমার দাদা এই জিনিসটা এনেছে। এটা ব্যাবহার করলাম। আহ্‌ দিদি বিশ্বাস করবেনা কি আরাম। দাঁড়াও তোমাকে দেখাচ্ছি কিভাবে ব্যাবহার করতে হয়।” কাকী তার শাড়ি সায়া হাটুর উপরে তুলে প্যান্টি নামিয়ে প্লাস্টিকের বাড়াটা একহাতে ধরে ভোদায় ঢুকালো। কিছুক্ষনের মধ্যেই কাকীর হাতের গতি বেড়ে গেলো। বুঝলাম কাকী ভোদা খেচছে। – “এই শর্মি তুই কি শুরু করলি। তুই তো গরম হয়ে গেছিস। তপু ওর ঘরে আছে। শব্দ শুনে ফেলবে।” কাকী হাসতে হাসতে বললো, “তপু দেখলে কি হবে। ওকেও তো চোদাচুদি শিখতে হবে নাকি। ও আর এখন ছোট ছেলে নেই। তোমার ঘরে ঢুকার সময় দেখলাম ও খাচ্ছে। তপু খালি গায়ে ছিলো। ওর বুকটা কি সুন্দর, লোমশ আর পুরুষালী। ওর বাড়া নিশচই অনেক বড় হয়েছে।” – “শর্মি তুই কি রে। ছেলেটাকে ও ছাড়বি না। সত্যি তুই বাড়ার জন্য পাগলী হয়ে গেছিস। তুই হাত সরা, আমি ভোদা খেচে দেই।” – “তাহলে তো অনেক ভালো হয়। তুমি আমারটা দাও, আমি তোমারটা দিবো।” আমি যে সব কিছু শুনছি দুই মাগীর কোন খেয়াল নেই। কাকী উহ্‌ আহ্‌ করে কোঁকাচ্ছে। প্রায় ৫ মিনিট ধরে ভোদা খেচার পর কাকী ভোদার রস ছেড়ে দিলো। মা ভোদা হেকে দন্ডটা বের করলো। আমি দেখলাম দন্ডটায় ভোদার রস লেপ্ট আছে। কাকী দন্ড মুছে মাকে বললো, “দিদি এবার পা ফাক করো।” মা খাটের কিনারায় বসে পা উপরে তুলে ধরলো। কাকী হাসতে হাসতে মায়ের শাড়ি সায়া উপরে তুলে দিলো। মায়ের পোদের দাবনা দুধ সাদা। উরুতে হাল্কা লোম থাকলেও ভোদা একদম পরিস্কার। বেশি কিছু দেখতে পারছিনা। কারন কাকী মায়ের দুই পায়ের মাঝে নিজের বিশাল লদলদে পোদ বিছিয়ে বসে আছে। পচ্‌ করে একটা শব্দ হলো। বুঝলাম কাকী মায়ের রসালো উর্বশী ভোদায় দন্ডটা ঢুকিয়ে দিয়েছে। “ওহহ্‌ আহহ্‌ ও মাগো শর্মি কি আরাম” মা শিৎকার করে উঠলো। – “তোমার ভোদায় কতো রস। যেন রসে ভরা একটা চমচম। দিদি তুমি প্যান্টি পরো না কেন?”” – “তোকে বললাম না একটু পর পর রস মুছতে হয়। বারবার প্যান্টি খুলতে ভালো লাগে না।” কাকী দ্রুতবেগে তার ডান হাত সামনে পিছনে করছে। প্লাস্টিকের বাড়া মায়ের রসে ভরা ভোদায় পচর পচর শব্দে ঢুকছে আর বের হচ্ছে। মায়ের গোঙানি ও চেহারার অবস্থা দেখে বুঝতে পারছি মা অনেক সুখ পাচ্ছে। মা দরদর করে ঘামছে। ঘামে সুতীর ব্লাউজ একেবারে ভিজে জবজব করছে। গভীর নিঃশ্বাসের তালে তালে মাই দুইটা ওঠানামা করছে। একসময় মা প্লাস্টিকের বাড়াটা নিজেই নিজের ভোদায় জোরে জোরে ঢুকাতে লাগলো। – “উফ্‌ফ্‌ফ্‌ দিদি তোমার ভোদাটা এখনো কতো টাইট আর সুন্দর। জোয়ান ছেলেরা এখনো তোমার ভোদা দেখলে পাগল হয়ে যাবে গো দিদি।” কাকী এক হাতে নিজের ভোদা খামছে ধরে আরেক হাতে নিজের ব্লাউজের হুক খুলতে থাকলো। ফটফট করে সব হুক খুলতেই প্রমান সাইজের লাউ এর মতো মাই দুইটা উছলে বেরিয়ে এলো। ধবধবে সাদা, নীল শিরা স্পষ্ট দেখা যাচ্ছে। খয়েরি রং এর বলয়ের মাঝখানে গোল বোঁটা।

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বন্ধুরা,আজকে আমি যে ঘটনাটা আপনাদের সাথে শেয়ার করতে যাচ্ছি সেটা আমার নিজের জীবনের একটা অপ্রত্যাসিত ঘটনা. আমি কোনদিন স্বপ্নেও চিন্তা করতে পরিনি যে আমার জীবনে এরকম কিছু একটা ঘটবে, কিন্তু আমি না চিন্তা করলে ঘটবেনা সেটা বোধহয় ওপরওয়ালা মানতে রাজী নয় তাই আমি না চাওয়া সত্তেও সেটা ঘটে গেল. যাক, এবার কাহিনীতে আসা যাক. আমার নাম রাহুল, সবেমাত্র ১২ পাস করে কলেজে এড্মিশান নিয়েছি. বাড়িতে আমরা মাত্র তিনজন প্রাণী. আমি , আমার বাবা, আর আমার সুন্দরী মা. বাবা একটা মাল্টী ন্যাশনাল কোম্পানীতে উচু পোস্টে কর্মরত, মা হাইয়ার সেকেংডারী স্কূলের ইংগ্লীশ টিচার. আমি বাবা মার একমাত্র সন্তান হবার কারণে বরাবর বেশ আদরের মধ্যে দিয়ে বড়ো হয়েছি.
বাবা সুঠাম সাস্থের অধিকারী,গায়ের রং ফর্সা আর দেখতে সুপুরুষ. আগেই বলেছি মা বেশ সুন্দরী, গায়ের রং বাবার চেয়েও ফর্সা, আর সবচেয়ে বড়ো কথা যে মা নিজের সম্পর্কে খুব বেশি কনসিয়াস. মা যখন রাস্তা দিয়ে যায়, তখন খেয়াল করে দেখেছি যে পুরুষেরা মার দিকে একটা সম্ভ্রম ভরা দৃষ্টিতে তাকিয়ে থাকে. আমার বাবা বরাবরি একটু হাসিখুশি প্রকৃতির মানুষ, সবসময় আনন্দ ফুর্তি করে সময় কাটিয়ে দেয়.মা সেই তুলনায় একটু গম্ভীর প্রকৃতির কিন্তু বাড়িতে বাবা যখন থাকে তখন মাকেও বাবার সাথে তাল মিলিয়ে চলতে হয়. মোটের ওপর আমাদের বেশ সুখের সংসার. আমার চেহারা বাবার মতো অতটা সুঠাম না হলেও, মোটামুটি ঠিক, কিন্তু গায়ের রং মা আর বাবার মিলিত মানে খুব ফর্সা. আমার হায়ট প্রায় ৫’৮”. স্পোর্ট্‌স এর ব্যাপাড়ে আমার খুব ইংট্রেস্ট. আমি বাবর সাথে বন্ধুর মতো মেলামেশা করি কিন্তু মাকে ভক্তি আর ভয় দুটোই করি. আমার এক মাসি আছে, বেশ কয়েক বছর হলো তার বিয়ে হয়েছে কিন্তু কোনো সন্তান হয়নি. তার বাড়ি আমাদের বাড়ি থেকে কিছুটা দূরে. আমার মাসি আমাকে খুব ভালোবাসে. মাসি মার থেকে বছর দুয়েকের ছোট. বর্তমান বয়স প্রায় ৩৫. মাসিও দেখতে সুন্দরী বলতে যা বোঝাই তাই. ফিগারটাও খুব সুন্দর. একদিন মা বাবর আলোচনা শুনে জানতে পেরেচ্ছি যে মেসোর পুরুষত্বের কিছু দোশ আছে বলে মাসির কোনো সন্তান হয়নি. যদিও এর জন্য মাসির মেসোর ওপর কোনো রাগ নেই, আর মেসে যেহেতু জানে যে তার কারণে মাসি মা হতে পারেনি সেই কারণে মেসো মাসি যখন যা চাই তাই দেয়. একদিন কলেজ ছুটি থাকার জন্য আমি মাসির বাড়ি গেলাম কারণ বাড়িতে বাবা বা মা কেউ নেই, কি করবো তাই আর কি. মাসির বাড়ি যাওয়ার পর মাসি আমাকে দেখে খুব খুশি. আমাকে বল্লো, আজকে দুপুরে আমার এখানে খেয়ে যাবি. আমি বললাম, মা বাড়িতে রান্না করে রেখেচ্ছে. মাসি বল্লো, ও আমি দিদিকে বলে দেবো. অগত্যা আমি রাজী হয়ে গেলাম কিন্তু যেহেতু আমি কোনো জামাকাপড় নিয়ে আসিনি তাই মাসিকে বললাম, স্নান করে আমি কি পরবো? মাসি হেঁসে উঠে বল্লো, কেন আমার একটা সায়া পরে থাকবি. তোর মেসো দুদিনের জন্য বাইরে গেছে, এখন বাড়িতে আমি একা, তোর লজ্জার কিছু নেই. আমি মাসিকে ধমক দিয়ে বললাম,. তুমি যে কি বোলনা মাসিমনি, আমি তোমার সায়া পরে থাকবো? মাসি আল্ত করে আমার গালটা টিপে দিয়ে বল্লো, কেনো কি হয়েছে? আমি আর কথা না বাড়িয়ে মাকে একটা ফোন করে বলে দিলাম যে আমি মাসির বাড়ি আছি, একবারে রাত্রে যাবো. মা বল্লো, ঠিক আচ্ছে, তুই থাক, আমি স্কূল থেকে ফিরে বোনের বাড়ি যাবো তারপর একসাথে আসব. আমি মাসিকে এই কথা বলতেই মাসি আনন্দে বলে উঠলো, বেশ হলো, দিদি আসবে, অনেকদিন পর একটু গল্প করা যাবে. আমি এরপর বাথরূম এ গেলাম স্নান করতে আর যাওয়ার আগে মাসিকে বললাম, মাসি, স্নান করে কি পরবো সেটা বের করে দাও. মাসি আমার কথা শুনে নিজের ঘরের দিকে গেল আর হাতে করে একটা সায়া, আর একটা ব্রা নিয়ে এসে হাসতে হাসতে আমাকে বল্লো, নে, এই দুটো তোর জন্য নিয়ে এলাম, সায়াটা ঠিক হয়ে যাবে, কিন্তু বাকি যেটা আচ্ছে সেটা ঠিক হবে কিনা জানিনা. আমি মাসির দিকে অবাক দৃষ্টিতে তাকিয়ে বললাম, সায়া ছাড়া যেটা নিয়ে এসেছো সেটার সাইজ় কত শুনি? মাসি আমাকে বল্লো, ওরে বদমাশ, কায়দা করে মাসির সাইজ় জানতে চাইছিস? আমি বললাম, না ঠিক তা নই, আসলে সাইজ় না জানলে বুঝতে পারচ্ছিনে যে ওটা আমার হবে কিনা তাই আর কি. মাসিও আমার কথার উত্তরে কায়দা করে বল্লো, তোর যা হাতের সাইজ় তাতে এসে যাবে. আমি বললাম, তাহলে অসুবিধা নেই. বলে আমি বাথরূম এ ঢুকে গেলাম আর মাসিকে বললাম, ও দুটো তুমি দরজার সামনে রেখে দাও. মাসি আমাকে বল্লো, ঠিক আছে, তুই স্নান করে বের হো, আমি দিয়ে দেবো. কিছুক্ষন পরে আমি স্নান করে বের হওয়ার সময় মাসিকে বললাম, কই দাও, মাসি এগিয়ে এসে প্রথমে সায়াটা আমাকে দিলো আর তারপর ব্রাটা আমাকে না দিয়ে বল্লো, আয়, এটা আমি তোকে পরিয়ে দিই বলে আমার শরীরে হাত বোলাতে লাগলো. আমি বুঝতে পারলাম যে মাসির মনে অন্য কিছু আছে, কিন্তু আমার মনটা কিছুতে মানতে চাইছিলনা যে এটা ঠিক, কারণ হাজ়ার হলেও আমার নিজের মাসি, কিন্তু মাসির অবস্থা দেখে আমি বুঝতে পারছিলাম যে আমার ইচ্ছা না থাকলেও কোনো উপায় নেই কারণ, এরমধ্যে মাসি আমার শরীর নিয়ে খেলা করতে আরম্ভ করে দিয়েছে আর জোরে জোরে নিশ্বাস নীচে. আমি এবার মাসিকে বললাম, মাসি, তোমার কি শরীর খারাপ লাগছে? মাসি এই কথা শুনে আমাকে বল্লো, ঠিক ধরেচ্ছিস, অনেকদিন পর আজকে আমার শরীর খারাপ লাগছে, তোর মেসো তো আমার দিকে নজর দেয়না, তাই তোকে দেখে আমি আর থাকতে পারছিনা, কিছু একটা কর সোনা, না হলে আমি মরে যাবো. আমি কিছু না বোঝার ভান করে বললাম, কি করার কথা বলছ? কি করতে হবে তুমি বলে দাও, কারণ এর আগে কোনদিন আমি তোমার শরীর খারাপ হওয়ার সময় সামনে থাকিনি. মাসি বল্লো, ওরে বোকা, এই সময় একটাই মাত্র ওসুধ সেটা হচ্ছে, তু আমাকে একটু আদর কর. আমি বললাম, কি ভাবে? মাসি বল্লো, আয় আমি দেখিয়ে দিচ্ছি বলে আমাকে নিজের বুকের সাথে জড়িয়ে ধরলো আর আমার মুখে মুখ লাগিয়ে একভাবে চুমু খেতে লাগলো আর পাগলের মতো করতে লাগলো, একটু পরে দেখলাম যে মাসি একদম লাল হয়ে গেছে, এদিকে মাসির মতো একজন সুন্দরীর আদর খেয়ে আমিও আর নিজেকে ঠিক রাখতে না পেরে মাসিকে জড়িয়ে ধরে আদর করতে লাগলাম. এভাবে কিছুক্ষন চলার পর আমি মাসিকে বললাম, মাসি, আমি আর পারছিনা, কিছু একটা করো.মাসি আমাকে একটা আদর মাখা ধমক দিয়ে বল্লো, এই, আমি কি করবো শুনি? যা করার তুইতো করবি. আমি বললাম, ঠিক আচ্ছে, তাহলে ঘরে চলো. মাসি আমাকে বল্লো, কেনো, ঘরে যাওয়ার কোনো দরকার নেই, বাড়িতে এখন আমি আর তুই ছাড়া কেউ যখন নেই, তখন এখানেই তুই যা করার কর. আমি বললাম, আমার এই ব্যাপারে কোনো ধারণা নেই, কি করে কি করতে হয় সেটা তুমি না দেখিয়ে দিলে আমি কিছু করতে পারবনা. মাসি বল্লো, কেনো ? এতক্ষন তো বেশ আদর করলি, তার মনে তুই কিছুতা বুঝিস. আমি বললাম, ওটা প্রাকিটিক নিয়মের কারণা, মাসি বল্লো, ঠিক আচ্ছে, এদিকে আয়ে. আমি মাসির একটু কাছে গেলাম, এবার মাসি আসতে আসতে নিজের শাড়ি, সায়া ব্লাউস সব খুলে ফেলে আমাকে বল্লো, দেখতো আমাকে দেখতে কিরকম? আমি এই প্রথম কোনো মেয়ের নগণা শরীর সামনা সামনি দেখলাম আর ওবাক হয়ে মাসির সৌন্দর্য উপভোগ করতে লাগলাম. মাসি এবার আমাকে বল্লো, কীরে, শুধুই দেখবি না কিছু করবি শুনি? আমি সংবিত ফিরে পেয়ে বললাম, কি করবো বলে দাও. মাসি এবার আমার টাওয়েল তো একটানে খুলে দিয়ে বল্লো, দেখি তোরটা কতো বড়ো. মাসির টানে আমার টাওয়েল খুলে মাটিতে পরে গেল আর মাসি আমার লিঙ্গ দেখে চমকে উঠে বল্লো, এতবড় কি করে বানালি? আমি বললাম, জানিনা, এমনি হয়ে গেছে. মাসি দুহাতে আমার বাঁড়াটা ধরে আদর করতে লাগলো আর একটু পরে নিজের মুখে পুরে নিয়ে চুস্তে লাগলো আর ওদিকে আমি মাসির এই ধরনের আদর খেয়ে একেবারে পাগল হয়ে গেলাম আর মাসিকে বললাম, মাসি, ছেড়ে দাও, না হলে মুখেই পরে যাবে. মাসি এবার মুখ থেকে বাঁড়াটা বের করে আমার দিকে তাকিয়ে বল্লো, ফেলেদেনা মুখেই, তোরটা খেয়ে দেখি কেমন লাগে. আমি বললাম, তাহলে তোমাকে করবো কি করে? মাসি বল্লো, এখনত অনেক সময় আছে, নাহয় একটু পরে করবি. এখন তুই আমার মুখেই ফেলে দে বলে আবার বাঁড়াটা মুখে নিয়ে চোষা শুরু করলো আর আমি আর নিজেকে ধরে রাখতে না পেরে মাসির মুখের মধ্যে আমার মাল ঢেলে দিলাম আর মাসি দেখলাম বেশ আরাম করে পুরো মালটা খেয়ে নিলো. আমি এবার চিন্তা করতে লাগলাম, যা কোনদিন ভাবিনি আজকে তাই হলো, কোনো মেয়ের মুখে আমি মাল ফেললাম তাও নিজের মাসির মুখে. এই কথা ভাবতে আমার মনটা আনন্দে ভরে গেল. একটু পরে মাসি ওই অবস্থাতেই উঠে বাথরূমে গিয়ে মুখ ধুয়ে নেঙ্গটো অবস্থাতেই আবার ফিরে এলো. এবার আমি বললাম, মাসি, লান্চ দেবে নাকি, এইসব করেই পেট ভড়াবো? মাসি আমার কথা শুনে চমকে উঠে বল্লো, ভুলে গেছি, আয় তোকে খেতে দিই. আমি বললাম তাতো না হয় দেবে, তার আগে জামা কাপড় কিছু পরে এসো. মাসি এবার নিজের দিকে তাকিয়ে একটু লজ্জা পেয়ে নিজের ঘরের দিকে চলে গেল আর একটু পরে শাড়ি পরে বেরিয়ে এসে আমাকে বল্লো, বাবু, খেতে আয়. আমি আর মাসি এরপর ডাইনিংগ টেবিলে বসে লান্চ করলাম. লান্চ করার পর আমি মাসিকে বললাম, এবার কি কিছু ববে? মাসি আমার দিকে দুস্টুমি ভরা চোখে তাকিয়ে বল্লো, খুব লোভ না, মনে রাখিস আমি তোর আপন মাসি. আমি বললাম, সেতো আমি জানি, কিন্তু আমার কাছে সবচেয়ে আনন্দের ব্যাপার যে আমার নিজের মাসির কাছেই আমার হাতেখড়ি হলো সেক্সের ব্যাপারে. মাসি বল্লো, এখনোতো কিছুই হয় নি, আরও কতো কিছু হবে. আমি বললাম, যা কিছু সেখাবার তাড়াতাড়ি সেখাও, এরপর মা এসে পড়লে সেখা কমপ্লীট হবেনা. মাসি এবার আমাকে বল্লো, আচ্ছা বাবু, তুই কি জানিস যে তোর মা মনে আমার বরদি কতটা সেক্সি? আমি বললাম, কি করে জানবো? এইসব ছাড়ো, তাড়াতাড়ি এসো, এরপর মা এসে যাবে. মাসি বল্লো, কি হবে আসলে? যদি আমাদের কাজের মাঝখানে এসে পরে তাহলে আমি আর তুই দুজনে বড়দিকে জোড় করে ধরে তোকে দিয়ে তোর মাকে চুদিয়ে দেবো. আমি এই প্রথম মাসির মুখে চোদা কথাটা শুনলাম. আমি মাসিকে বললাম, তুমিজে কি বোলনা? আমি ছেলে হয়ে মাকে জোড় করে চুদবো? মাসি বল্লো, ও নিজের মাসিকে চোদার জন্য পাগল হয়ে গচ্ছো, আর মার বেলায় যত আপত্তি? আমি বললাম, না ঠিক তা নয়, এই প্রথমতো, এখন যে কোনো মেয়ের গুদ পেলেই চুদবো. মাসি আমাকে জিজ্ঞেগ করলো, এই বদমাশ, মেয়েদের ওইটাকে গুদ বলে তুই কোথা থেকে জানলি? আমি বললাম, একদিন বাবা মাকে বলচ্চিলো, তোমার গুদটা একটু চুষতে দেবে? তখন আমি দরজার ফাঁক দিয়ে দেখলাম মা নিজের শাড়ি ওপরে তুলে গুদটা দুহাতে টেনে সোফায় বসে বাবাকে বল্লো, এই নাও, চোসো, তখন বুঝলাম যে ওটাকে গুদ বলে. মাসি এবার আমাকে বল্লো, নে চল, অনেক হয়েছে, আমিও আর থাকতে পারছিনা. আমি মাসির এই কথা শুনে বললাম, চলো বলে আমরা দুজনে ঘরে এসে বসলাম. এবার দেখলাম যে মাসি নিজের শাড়ি সায়া সব খুলে পুরো উলঙ্গ হয়ে আমার কাছে এসে আমকেও নেঙ্গটো করে দিলো তারপর সোফায় শুয়ে দু পা দুদিকে ছড়িয়ে দিয়ে গুদটা টেনে ধরে ফাঁক করলো আর আমাকে বল্লো, বাবু, আয়, তোর ওই আখাম্বা বাঁড়াটা তোর মাসির এই গুদের ফুটোয় ঢুকিয়ে দে. আমি মাসিকে জিজ্ঞেস করলাম কি করে ঢোকাবো? মাসি এবার একহাতে আমার বাঁড়াটা ধরে নিজের গুদের মুখে সেট করে আমাকে বল্লো, একটা চাপ দে, আমি সেইমতো একটা চাপ দিলাম আর টের পেলাম যে বাড়ার মুণ্ডিটা মাসির গুদের ভেতর কিছুটা ঢুকে গেল, এবার মাসি আমাকে বল্লো, বাঁড়াটা একটু বের করে নিয়ে এবার জোরে একটা চাপ দে, আমি আবার মাসির কথা মতো বাঁড়াটা একটু বের করে নিয়ে জোরে একটা চাপ দিতেই বাঁড়াটা পুরোটা মাসির গুদের ভেতর ঢুকে গেল. মাসি এবার আমাকে বল্লো, এখন বড় বাঁড়াটা বের কর আর ঢোকা. আমি সেইমতো করে যেতে লাগলাম, দেখলাম মাসি সুখে চোখ বন্ধ করে সিতকার করে যাচ্ছে আর পাগলের মতো করচ্ছে, এদিকে আমিও একটা নূতন ধরনের আনন্দে একভাবে নিজের মাসিকে চুদে যেতে লাগলাম, খখন যে আমার মাল বাড়ার ডগায় এসে হাজির হয়েছে, নিজেও টের পাইনি, যখন টের পেলাম তখন আর নিজেকে ধরে রাখতে না পেরে মাসিকে বললাম মাসি আমার বের হচ্ছে বলে আমার পুরো মালটা মাসির গুদে ঢেলে দিয়ে মাসির গুদ ভরিয়ে দিলাম. দেখলাম মাসি পরম সুখে চোখ বন্ধও করে শুয়ে আচ্ছে. আমি মাসিকে জিজ্ঞেস করলাম মাসি, তোমারকি ফ্যেদা পরে গেছে? মাসি বল্লো, না বেরিয়ে যাবে কোথায়? কতদিন পর এরকম চোদন খেলম, বলে আমার মাথায় হাত বলতে লাগলো আর আমাকে বল্লো, বাবু মাঝে মাঝে এসে তোর এই মাসিটাকে একটু আরাম দিয়ে যাবিতো? আমি বললাম, সে আর বলতে, তোমার মতো একটা মালকে চোদার সুযোগ কেউ ছাড়ে? তবে মাসি, এরপর যেদিন আসব সেদিন আমাকে একটা জিনিস দিতে হবে. মাসি বল্লো, যা চাইবি তাই পাবি, বল কি চাই? আমি বললাম, এরপরদিন এসে প্রথমে তোমাকে চুদবো আর তারপর বলে আমি থেমে গেলাম. মাসি বল্লো, থামলি কেনো বল? আমি বললাম না মানে তোমার পোঁদ মারবো, দেবে? মাসি বল্লো, ও এই কথা? ঠিক আচ্ছে, তাই হবে. পরে কি হল জানতে অপেক্ষা করুন

আমার খুব আরাম হবে Bangla Choti

Bangla Choti ঘুম ভেঙে উঠে দেখি বেশ দেরী হয়ে গেছে, আঁধার নেমে এসেছে। এইসময় আমার ঘরের দরজা দিয়ে কাকিমা ঢুকেছে,হাতে ওর চায়ের কাপ। আমাকে কাপটা দিলে, আমি চা খেতে শুরু করলাম। কাকিমার সাথে ওই আগের সম্পর্কের কোন বদল আসেনি, আমি যখন চা খাচ্চিলাম তখন আমার মাথার চুলে হাত বুলিয়ে দিচ্ছিল কাকিমা।“বাবু,তোর এই কাকিমা’র কথা একবারও কি মনে পড়েনি তোর?”, কাকিমা আমাকে জিজ্ঞেস করে।
“না কাকিমা, ওখানে গিয়ে প্রায়ই তোমার কথা মনে পড়ত, তোমার কথা কি ভুলতে পারি বল। সেই যে তোমার হাত থেকে ভাত খাওয়া, তোমার কোলে মাথা রেখে শুয়ে গল্প শুনতে শুনতে ঘুময়ে পড়া। এই জিনিসগুলো কি আবার ভোলা যায়। খুব মন খারাপ করত আমার। আচ্ছা তুমি কি আমাকে মনে করতে?”, আমিও কাকিমাকে আমার কথা জিজ্ঞেস করলাম। “হ্যাঁ বাবু তোর কথা আমারও খুব মনে পড়তো।” কাকিমার কথা শুনে আমার খুব ভাল লাগল, কাকিমা যে আমাকে মিস করেছে এটাই আমার কাছে একটা প্রাপ্তি। কিছুক্ষন চুপ করে থেকে কাকিমা আমাকে আবার জিজ্ঞেস করে, “হ্যাঁরে,সুনীল,আমি যখন মুন্নিকে দুধ খাওয়াচ্ছিলাম,তুই কি আমাকে আড়াল থেকে দেখছিলিস?” আমি কাকিমার কথা শুনে ভয় পেয়ে গেলাম, এই রে ওই ঘটনাটা মা’কে বলে দেবে না তো কাকিমা। ভয় আর আতঙ্কে আমার বুকটা ধড়পড় করতে থাকে, মা’কে বলে দিলে ভীষণ রাগারাগি করবে। আমাকে চুপ করে থাকতে দেখে কাকিমা আবার জিজ্ঞেস করে, “কি রে কিছু বলছিস না কেন?তোর মা’কে তাহলে ডেকে আনি আমি?” “না,কাকিমা আমাকে মাফ করে দাও,আর কখনও লুকিয়ে লুকিয়ে তোমার বুকের দিকে তাকাব না, এই দিব্যি করে বলছি!”,এই কথাগুলো বলে আমি তো ভয়ে কাঠ। কাকিমা আমার দিকে কিছুক্ষন ধরে তাকিয়ে থেকে বলে, “ধুর বোকা,তোর মা’কে আমি কিছু বলতে যাব কেন?” আমি তো শান্তির নিঃশ্বাস ফেললাম। কাকিমা আরো বলে, “সুনীল তোকে কিন্তু আমার দুধের দিকে তাকান বন্ধ করতে হবে, বিশেষ করে যখন আমি মুন্নীকে মাই খাওয়াব তখন।” আমিও সাহস করে বললাম, “একটা কথা বলব কাকিমা?” “হ্যাঁ,খোকা বলে ফেল।” “তোমার ওই বুকের দিকে তাকাতে আমার না খুব ভাল লাগে, কিন্তু তুমি যখন বারন করছ তখন কী আর করা যাবে?” কাকিমা আমার মাথায় হাত বুলিয়ে বলে, “দূর বোকা ছেলে!আমি কি তোকে দেখতে বারন করলাম? আমি যখন মুন্নিকে দুদু খাওয়াই তখন শুধু দেখতে বারন করলাম, তুই তখন নজর দিলে আমার মাইয়ের দুধটা বদলে যায়, ওই দুধ খেলে মুন্নীর আবার পেট খারাপ হয়।” আমি অবাক হয়ে জিজ্ঞেস করলাম, “কাকিমা, কি করে তোমার স্তনের দুধ বদলে যায় বলবে আমাকে?” আমার চিবুকে হালকা করে চুমু খেয়ে কাকিমা বললে, “না রে সোনামনি, তুই এখনো খুব ছোট আছিস। তোকে সেসব কথা বলা যাবে না।” আমি কাকিমা’কে বলি, “জানো কাকিমা আমার না মুন্নির উপরে খুব হিংসে হয়।” এই কথাটা বলে ফেলেই মনে হল কেন যে এই কেলো কীর্তি করলাম। কাকিমা অবাক হয়ে বলে, “ওমা! তোর আবার মুন্নীর উপরে হিংসে হবে কেন?” আমাকে চুপ করে থাকতে দেখে কাকিমা নিজেই বলে, “ও বুঝেছি, আমার দুধ খেতে তোরও খুব ইচ্ছে করে না?বল সুনীল, আমাকে বল তুই একবার।” আমি কাকিমাকে বলি, “হ্যাঁ কাকিমা, ও যখন তোমার ওই সুন্দর স্তন থেকে দুধটা চুষে চুষে খায়, আমার বুকটা কেমন যেন একটা করে, মনে হয় তুমি আমাকেও যদি একবার দুধ খেতে দিতে, আমাকে তুমি ভুল বুঝো না কাকিমা। দয়া করে তুমি আমার উপরে এর জন্য রাগ করে থেকো না।” এই কথা বলে ফেলে আমি খুব লজ্জায় পড়ে গেলাম, কাকিমার মুখ দেখে তো খুব একটা কিছু বোঝা যাচ্ছে না। কাকিমা কি আমার ওপর রেগে গেলো নাকি? ভয়ে পেয়ে আমি কাকিমাকে জড়িয়ে ধরে ওর বুকে মাথা রাখলাম। কাকিমা বললে, “বাবুসোbangla choti golpoনা আমার,তুই আমার চোখের দিকে তাকা।” আমি মুখ উঠিয়ে ওর চোখে চোখ রাখলাম, কাকিমার লাল ঠোঁটে একটা সুন্দর,স্নিগ্ধ হাসি খেলছে। কাকিমা বললে, “দেখ, সুনীল তুই আমার ছেলের থেকে কম কিছু না, মুন্নিকে যতটা আমি ভালবাসি, তোকেও আমি ততটাই ভালবাসি। তোরও আমার স্তনের উপর মুন্নির সমান অধিকার আছে। আজ রাতে খাওয়ার পর সবাই যখন শুয়ে পড়বে তখন তোর যত খুশি আমার দুধ খাবি,পেট ভরে।কিন্তু…” কাকিমার ওই কিন্তু শুনে আমি আবার জিজ্ঞেস করলাম, “কাকিমা এর মধ্যে আবার কিন্তু কি আছে?” “তুই আমাকে ছুঁয়ে দিব্যি করে বল, আমি যখন মুন্নিকে দুধ খাওয়াব তখন আমার মাইয়ের দিকে তাকাবি না।” কাকিমার মাথা ছুঁইয়ে আমি দিব্যি খেলাম, কিন্তু কাকিমা বলে, “না ওভাবে না আমার মাইটাকে ধরে বল তুই।” আমি তখন সপ্তম স্বর্গে…কাকিমা আমাকে নিজের ওর বুকটাকে ধরতে দিচ্ছে, বাহ! আমি নিজের হাতটা ব্লাউজের উপর দিয়েই কাকিমার বুকের উপর রাখলাম, আহা কি নরমই না কাকিমার দুধটা, বেশ বড়সড় একটা বেলের মত এক একটা মাই, পাঁচ পাঁচ দশটা আঙ্গুল আমি কাকিমার গোল মাইয়ে চেপে ধরলাম, হালকা করে টিপে দিয়ে বললাম, “এবার শান্তি তো?নাও তোমার মাইয়ের দিব্যি খেয়ে বললাম ওরকম করে আর দেখব না।” কাকিমার মুখে একটা সুন্দর হাসি লেগে তখন,আবার আমার মাথাটাকে বুকে চেপে ধরে বলে, “তোর মত ভালো ছেলে আরেকটা হয় না।” কাকিমা ঈষদউষ্ণ বুকের স্পর্শ অনুভব করতে করতে আমিও কাকিমার বুকে মুখ ঘষতে লাগলাম, হাত দিয়ে জড়িয়ে ধরলাম কাকিমার ডবকা দেহখানাকে, কষে চেপে ধরে ছোট ছোট চুমু খেতে শুরু করলাম কাকিমার বুকের মাঝে, আমার মুখ আর কাকিমার ওই বেলের মত মাইগুলোর মাঝে শুধু একটা পাতলা কাপড়, ব্লাউজের উপর থেকেই ওর স্তনের উপর একটা চুমু খেতেই কাকিমা বলে, “এই দুষ্টু ছেলে বলি কী হচ্চে টা কি? কেউ এসে গেলে ঝামেলার শেষ থাকবে না, একটু সবুর কর বাবা, রাতে তো আমি দুধ খেতে দেবই।” আমাকে ওর বুক থেকে সরিয়ে কাকিমা চায়ের কাপটা নিয়ে দরজার দিকে চলে গেল, বেরিয়ে যাওয়ার আগে বুকের কাপড় সরিয়ে আমাকে একবার শুধু ব্লাউজ ঢাকা স্তনদুটো দেখিয়ে জিভ ভেংচিয়ে চলে গেল। bangla choti golpoআমাদের গ্রামের বাড়িটা বেশ ভালো রকমের, একটা বড় বারান্দা আছে,সেখানেই আমার বাবা আর কাকু শোয়। ভিতরের ঘরে আমরা শুই। সদর দরজাটা ভিতরের থেকে বন্ধ করা থাকে, বাবা বা কাকুকে ভিতরে আসতে হলে, দরজায় টোকা দিতে হবে। সবাই ঘুমিয়ে পড়লে আমার কানে কানে কাকিমা বললে, “সুনীল,এবার চুপিচুপি রান্নাঘরে আয়, দেখ সাবধানে আয়,শব্দ করিস না যেন।” উত্তেজনায় আমার বুকটা তখন ধকধক করছে, মনে হচ্ছে কলিজাটা যেন খুলে বেরিয়ে আসবে। কাকিমা’র পিছন পিছন রান্নাঘরে ঢুকি, একটা মাদুর পাতা রান্নাঘরের মেঝেতে, সেটাতে শুয়ে কাকিমা ওর ব্লাউজের সব বোতামগুলো পটপট করে খুলে ফেলে, আর আমার সামনে বের করে আনে শাঁখের মত সাদা দুটো স্তন। দুধ আলতা রঙের লোভনীয় স্তনের উপরে হালকা বাদামী রঙের বলয় একটা, তার মাঝে দেড় ঈঞ্চির একটা বোঁটা। আমি অবাক হয়ে তাকিয়ে আছি দেখে, কাকিমা বলে, “কিরে খোকা আর কি দেখছিস এত মন দিয়ে? ভালো নয় বুঝি আমার বুকটা? নে তবে তোকে আর খেতে হবে না আমার স্তনের দুধ।” এই বলে কাকিমা আবার ব্লাউজে হাত দেয়, দুধগুলো ভিতরে ঢোকানোর জন্য। আমি তাড়াতাড়ি কাকিমার হাত ধরে বারন করে বলি, “না কাকিমা আমি আগে কারো বুক এত কাছ থেকে দেখি নি, যার যার দেখেছি তাদের কাছে তোমার মাইয়ের তুলনাই হয় না। ভগবান বেশ যত্ন করে বানিয়েছে তোমাকে, দাও না আমার মুখে তোমার বোঁটাখানা, দাওনা আমাকে দুধ খাইয়ে।” আমার কথা শুনে কাকিমা আমার মুখে ওর ডান দিকের বৃন্তটা তুলে দেয়, আমিও ঠোঁট ফাঁক্ করে চুচীটা মুখে নিই,আর আস্তে আস্তে চুষতে থাকি। কিন্তু কিছুতেই দুধ আর বের হয়না, নিরাশ হয়ে কাকিমা’কে বলি, “ও কাকিমা,তোমার দুধ কোথায়?বের হচ্ছে না যে!” “ধূর বোকা ছেলে, মাই খেতে ভুলে গেলি নাকি?শুধু চুচীটাকে মুখে নিলে হবে, বেশ কিছুটা মাই মুখে নে, তারপর মজাসে জোরসে চুষতে থাক, দুধ বেরোবে তখন।” কাকিমার কথামত হাত দিয়ে ডান স্তনের বেশ কিছুটা অংশ মুখে নিয়ে আরো জোরে চুষে দিই, কয়েক সেকেন্ড পরেই ফিনকি দিয়ে কাকিমার স্তন থেকে দুধের ফোয়ারা এসে পড়ে আমার মুখে। আহ…মনটা যেন জুড়িয়ে গেলো, কাকিমা’র স্তন এর দুধ যে এত মিষ্টি হতে পারে আমার ধারনা ছিল না। আরো জোরে চুষতে চুষতে কাকিমা মাই থেকে ওর যৌবনসুধা পান করতে থাকি, কাকিমা আমাকে আরো কাছে টেনে বুকের সাথে জড়িয়ে ধরে, আর আস্তে আস্তে আমার মাথায় হাতটা বুলিয়ে দিতে থাকে। আমি তখনও বাচ্চা ছেলের মত কাকিমার দুধ খেতে থাকি, কিছুক্ষন পরে কাকিমা’র ডান দিকের স্তন থেকে দুধের ধারা শেষ হয়ে যায়, আস্তে আস্তে ডান দিকের মাইটাকে পুরো খালি করে দিই আমি। আমার ওই দিকের মাই খাওয়া হয়ে গেছে দেখে কাকিমা আমার মুখে এবার বাম দিকএর স্তনটাকেও তুলে দেয়, আমি ওটাকেও চুষে চুষে খালি করে দিই। কাকিমা এবার আমাকে জিজ্ঞেস করে, “কী রে অনেক ত খাওয়া হল,এবার শান্তি হল নাকি,কেউ উঠে পড়ার আগেই চল শুয়ে পড়ি চল।” আমি কাকিমাকে মিনতি করে বলি, “ও কাকিমা শুধু তোমার মাইটাকেই বেশ কিছুক্ষন ধরে চুষতে দাও, বড্ড ভাল লাগছে এটা, কত নরম তোমার স্তনের বৃন্তটা আমার মুখের ভিতরে গিয়ে খুব সুন্দর লাগে।মনে হয় অনেকক্ষন ধরে খালি খেতে থাকি,সে দুধ থাকুক বা না থাকুক!” কাকিমা সেই জগৎ ভোলানো হাসিটা হেসে বলে, “নে বাবা আর কিছুক্ষন ধরে চুষতে থাক,তারপর কিন্তু শুতে যেতে হবে, আমাকেও তো ভোর বেলা উঠে কাজ করতে হয় নাকি?” আমি আবার কাকিমা’র স্তনটাকে মুখে নিয়ে খেলা করি, হাল্কা করে জিভ বুলিয়ে দিই, পুরো মাইটার গায়ে। আমার এই আদর দেখে কাকিমা জিজ্ঞেস করে, “সুনীল,তুই তোর কাকিমা দুধ খেতে খুব ভালো লাগে,না রে, খোকা?” আমি শুধু হাত বাড়িয়ে কাকিমা’র অন্য মাইটাকে আদর করতে থাকি, খানিকক্ষন কাকিমার কাছে এরকম করে আদর খাওয়ার পর কাকিমা আবার বলে, “নে নে চল উঠে পড়, আর মনে রাখবি,কাল থেকে কিন্তু মুন্নিকে খাওয়ানোর সময় নজর দেওয়া একদম বন্ধ। আর খবরদার আর কাউকে বলা চলবে না কিন্তু।” আমিও মাথা নেড়ে উঠি,আর কাকিমা’র স্তনের উপর শেষ বারের মত চুমু খেয়ে শুতে চলে যাই। পরের দিন কাকিমা’র স্তনদুটো আমার কাছে যেন আরো বেশি আকর্ষক লাগে, লোভনীয় দুটি মাই যেন যৌবনের আগুনে দাউ দাউ করে জ্বলছে। কাকিম যখন মুন্নিকে খাওয়াচ্ছিল, তখন আমি আমার কথা মত আড়াল থেকে নজর দিই নি, তবুও অন্য সময়ে সুযোগ পেলেই আমার চোখ কাকিমা’র স্তনের দিকে চলে যাচ্ছিল। কাকিমা’র নজরে এ জিনিসটা এড়ায়নি, কাকিমা আমার দিকে তাকিয়ে মুচকি হেসে শাড়িটাকে এমন ভাবে সামলে নিল যাতে আঁচলটা ঠিক দুই স্তনের মাঝখান দিয়ে চলে যায়। এভাবে দুটো দুধই সামনের দিকে থাকে,আর আমার চোখের যেন কোন অসুবিধা না হয়। মাঝে মাঝেই আমি চোখ দিয়ে কাকিমা’র যৌবনসুধা পান করতে থাকি, তাকিয়ে দেখি আগের থেকে কাকিমার স্তনটাকে যেন আরো সুন্দর লাগছে, বৃন্তটা আগের থেকে অনেক স্পষ্ট ভাবে বোঝা যাচ্ছে,এই জিনিসটা কাকিমাকে আরো আকর্ষক করে তুলেছে। সেই দিন আমি বিছানায় শুয়ে শুয়ে কাকিমা’র জন্যই অপেক্ষা করছিলাম, ঘরের অন্য সকলকে ঠিকঠাক শুইয়ে দিয়ে কাকিমা আমার কাছে এসে চুপিচুপি বললে, “চল,এবার রান্নাঘরে যাওয়ার সময় হয়ে এসেছে।” আমরা রান্নাঘরে গিয়ে দরজাটাকে আটকে দিই। পাশাপাশি শুয়ে পড়ার পর কাকিমা ওর ব্লাউজের সব হুক খুলে আমার মুখে একটা স্তন গুঁজে দেয়। আমি ওকে ভাল করে জড়িয়ে ধরে কাকিমার ডান দিকের দুধ খেতে থাকি, দুধ খেতে খেতে বুঝতে পারি আগের দিনের থেকে আজকে বেশি দুধ আছে কাকিমা’র বুকে। ওই দিকের স্তনটা খালি হয়ে গেলে কাকিমা আমার মুখ থেকে মাইটা ছাড়িয়ে নিয়ে জিজ্ঞেস করলে, “কিরে খোকা আজকে মনের মত করে দুধ খেতে পেরেছিস তো, তুই খাবি বলে, আজ শেষের বেলা মুন্নিকে আমার দুধ খেতে দিই নি, যাতে তুই বেশি করে আমার মাই খেতে পারিস।” কাকিমা’র কথা শুনে আমার বেশ ভাল লাগে, ওকে কষে জড়িয়ে ধরে বললাম, “কাকিমা,তোমার স্তন আর দুধটা না খুব মিষ্টি, আর দিনের বেলায় আমাকে তোমার দুধ দেখানোর জন্য খুব ধন্যবাদ, আজকে তোমাকে আরো সুন্দর লাগছিলো।” আমার কথা শুনে কাকিমা বললে, “আমিও তোকে ওরকম ভাবে খুশী করতে পেরে ভাল লেগেছে, তবুও সবার সামনে যখন আমার মাইয়ের বোঁটাটা খাড়া হয়ে গেছিল, আমি তো লজ্জায় পড়ে গিয়েছিলাম।” “কাকিমা! তোমার ওই খাড়া উঁচু উঁচু বোঁটার জন্যই তো আজকে আরো সুন্দরী লাগছিলো। কেন তোমার বৃন্তটা ওরকম করে দাঁড়িয়ে গেছিল কেন?” “বাবুসোনা, তোর ওরকম করে মাই খাওয়ার জন্যই আমার চুচীগুলো ওভাবে দাঁড়িয়ে যায়। কাল রাতে যেভাবে আদরটাই না করলি?” আমি ভয় পেয়ে জিজ্ঞেস করি, “এমা! তোমার লাগেনি তো কাকিমা, ওরকম ভাবে তোমার দুধ খাবার জন্য। তোমাকে আদর না করে থাকতে পারিনি আমি।” কাকিমা হেসে আমাকে কাছে টেনে নিয়ে বলে, “ধুর বোকা ছেলে, তোর ওরকম সোহাগ আমার খুবই ভালো লেগেছে। নে অনেক কথা বলা হ্ল, এবার দুদুটা মুখে নে তো সোনামনি, চূষে নে আমার দুধ।” আমিও কাকিমা’র নির্দেশ যথা আজ্ঞা পালন করলাম, দুধটাকে চুষে খেয়ে নেওয়ার পর আমি অনেকক্ষন ধরে কাকিমা’র স্তনগুলোকে আদর,সোহাগ করলাম, চেটে চুষে পুরো ডান স্তনটাকে উপভোগ করলাম। কাকিমা আমকে বলল, “শুধু ওদিকের দুদুটাকে আদর করলে চলবে? এই স্তনটাকেও হাত দিয়ে ধরে মালিশ কর, আমার খুব আরাম হবে, তোরও খুব ভালো লাগবে।” কিছুক্ষন ধরে কাকিমাকে যখন আদর করে যাচ্ছি, তখন ওঘর থেকে মুন্নির কান্নার শব্দ পেলাম আমরা দুজনে। কাকিমার দুধের থেকে মুখ সরিয়ে নিলে কাকিমা আমাকে বলল, “সুনীল আমাকে একটু যেতে হবে রে, মনে হয় মাঝরাতে হঠাৎ করে মুন্নির খিদে পেয়ে গেছে,ওকে একটু মাই খাইয়ে আসি, তুই আবার শুরু করবি যখন আমি ফিরে আসব, কেমন?” এই বলে নিজের বুকের কাপড় ঠিক করে ওই ঘরে চলে গেল কাকিমা, মিনিট পনের পরে কাকিমা আবার ফিরে এল। এই সময় আমি নিজেই কাকিমার জামাটাকে খুলে দিলাম আর ওর মাইয়ের বোঁটাটাকে চুষবার বদলে আমি শুধু স্তনের উপর চুমু খেতে লাগলাম, কাকিমার দেহ উত্তেজনায় কেঁপে উঠতে লাগল। আমি কাকিমাকে উঠে বসতে বললাম, তারপর কাকিমার পিছনে বসে আচ্ছা করে কাকিমার মাইদুটোকে মালিশ করতে লাগলাম, হালকা করে স্তনবৃন্তটাকে মুলে দিতে লাগলাম, আআস্তে আস্তে দেখলাম ওগুলো উঁচু হতে লাগলো।কাকিমা ঘাড়ের উপর থেকে চুলের গোছাটাকে সরিয়ে ওই সাদা বকের মত ঘাড়ে চুমু খেলাম, আর নাক ভরে নিলাম কাকিমার গায়ের সুন্দর মিষ্টি গন্ধ। হাত বাড়িয়ে এবার কাকিমা নিজেই নিজের জামাটাকে বুক থেকে পুরো খুলে ফেলে দিল, কোমরের উপরে পরনে আর কিছু নেই শুধু শাড়ির ওই আঁচলটা ছাড়া। কাকিমার বুকে হাত বোলাতে বোলাতে আমি কাকিমার সারা নগ্ন পিঠে তখন চুমু খেয়ে যাচ্ছি। এভাবেই আমার স্পর্শ সুখ নিতে নিতে কাকিমা যেন থরথর করে কাঁপতে শুরু করল। কিছুক্ষন পরে কাকিমা নিজের থেকে আমাকে বলল, “সুনীল, আমরা যেন কোনভাবেই বড় একটা ভুল দিকে না চলে যাই, নাহলে এই সামান্য সুখও আমাদের ভাগ্যে আর জুটবে না। বাবুসোনা আমার মাইয়ে এখনও কিছুটা দুদু নাকি আছে, খেয়ে নিয়ে শুয়ে পড় লক্ষীসোনাটি আমার।” আমি কাকিমা মাই থেকে সারা গরম দুধটা খেয়ে শেষ করলাম, এই রাতের মত লীলাখেলা ওখানেই সমাপ্ত করলাম।

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মা-ছেলের চোদাচুদি, Bangla choti মায়ের গুদে ফ্যাদা ঢেলে ভাসিয়ে দে

Bangla choti আষ্টেপিষ্টে ছেলেটাকে চারহাতপায়ে আঁকড়ে ধরে ওর বুকে চালতার মত মাইদুটো ঠেসে , bangla new sex story গুদের ঠোঁট দুটো দিয়ে প্রবিষ্ট বাঁড়াখানা কামড়ে ধরে পিচিক পিচিক করে জল খসিয়ে নিস্তেজ হয়ে গেলাম।জল খসার আমেজটা তারিয়ে তারিয়ে উপভোগ করেই একরাশ লজ্জা ঘিরে ধরল ছিঃ ছিঃ ছেলেটার বয়স বেশ কম বলেই মনে হচ্ছে অথচ আমার প্রায় ৩৮। ma sele choda chudir bangla choti golpo. রুনু এমন করে লোভ দেখাল, মধ্য যৌবনের কামনার আগুন, তার উপর ২ বছরের উপোষ সব মিলিয়ে একপ্রকার বাধ্য হয়ে রাজি হয়েছিলাম ,কিন্তু রুনুর যোগাড় করে আনা ছেলেটা যে এত ছোট হবে ভাবিনি। অবশ্য ছোট হলেও আরাম তো কম কিছু পেলাম না বরং এমন সুখও যে এতে পাওয়া যায় কল্পনার বাইরে ছিল।

এখন ভয় একটাই ছেলেটা বুঝতে পারেনি তো আমার পরিচয় ? না বোধহয়! যা অন্ধকার,রুনু ছেলেটাকে আমার কাছে ছেড়ে দিয়ে যাবার পর হাতড়ে হাতড়ে কোন রকমে ওর হাতটা খুঁজে পেয়েছিলাম ,সেটা ধরে সামান্য টান দিতে ছেলেটা আমার বুকে ঘেঁসে এসেছিল তারপর মাই দুটো খানিক চটকা চটকি করে আমার একটা হাত ওর শক্ত বাঁড়াটায় ঠেকিয়ে দিয়েছিল,আমি ওকে বুকে তুলে নিয়ে পা ফাঁক করে হাতে ধরা বাঁড়াটা গুদের মুখে ঠেকিয়ে দিয়েছিলাম নাহলে কিছুতেই ওর পক্ষে সম্ভব ছিলনা গুদের ফুটো খুঁজে বাঁড়া ঢোকানর। কিন্তু এবার কি হবে অন্ধকারে খাট থেকে নামব কিভাবে! তা ছাড়া ছেলেটার তো এখনও হয়নি ধনটা ঠাসা রয়েছে আমার গুদে। যে ভাবে আঁকড়ে ধরেছিলাম,অল্প অল্প্ হাফাচ্ছে ছেলেটা । মুখে বলতেও পারছিনা ওকে উঠে পড়ার জন্য,আবার যদি চুপচাপ শুয়ে থাকি তাহলে ও আবার ঠাপাতে শুরু করবে ,আবার জল খসিয়ে ফেললে আর উঠে বাড়ি যেতে হবে না,ছেলেটার বাঁড়াটা লম্বায় খুব বড় না হলেও বেশ মোটা, কোঁটটা থেঁতলে গেছে ওর বাঁড়াটার চাপে।তিরতির করে কাঁপছে ওখানটা ,এ অবস্থায় আবার হলে শরীর একেবারে ছেড়ে এলিয়ে যাবে। আমার এইসব সাতপাঁচ ভাবনার মধ্যই আবার ঠাপ শুরু করল ছেলেটা,একটু ঝুঁকে এসে আমার বুকে মুখ গুঁজে দিল আমি হাত বাড়িয়ে ওর মাথাটা চেপে ধরতেই নাকে একটা চেনা তেলের গন্ধ পেলাম। এই গন্ধওলা তেলটা আমার নিজের ছেলে মাখে,হতে পারে এই ছোঁড়াও একই কম্পানির তেল মা.

তবু ছেলের প্রসঙ্গ মনে আসাতে কেমন লজ্জা লজ্জা করতে লাগল এই ছেলেটাও হয়তঃ আমার ছেলেরই বয়সী, যাঃ আমি একটা আধবুড়ি মাগী হয়ে ছেলের বয়সী অচেনা একটা ছেলের ঠাপ খাচ্ছি , যদিও ভীষণ ভাল লাগছে।কিন্তু যতই ভাল লাগুক আর জল খসালে হবে না তার আগেই ওর মালটা আউট করে দিতে হবে এই ভাবনায় গোড়ালির উপর ভর দিয়ে ওর ঠাপের তালে তাল মিলিয়ে আমার গুরুভার পাছার তলঠাপ শুরু করলাম, তিন-চারটে তলঠাপ দিতেই ছেলেটা অস্থির হয়ে ছটফটিয়ে উঠল। তারপর (যা ঘটল তা লিখে প্রকাশ করতে অনেকটা সময় লাগলেও ঘটনাটা ঘটে গেছিল চকিতে ) ছেলেটা গোঙানির মত উম্ম আওয়াজ করে ,” মাসিইই তোমার বন্ধুর গুদে ঢালছি! গেল শালির পোঁদের নাচুনিতে বেরিয়ে গেল আমার মাঃল” । ওর গলাটা চিনতে পেরে স্বাভাবিক প্রতিক্রিয়ায় চমকে উঠে না না বলে এক ঝটকায় ওকে সরিয়ে খাট থেকে নেমে হাত বাড়িয়ে শাড়ি সায়া যেটা হাতে ঠেকল নিয়ে দরজার দিকে ছুট লাগালাম,
Bangla choti মায়ের গুদে ফ্যাদা ঢেলে ভাসিয়ে দেরুনু সোফায় বসে কি করছিল কে জানে সুইচ টিপে দিল ,চকিতে ঘাড় ঘুরিয়ে পলকে দেখলাম আমার অপসৃয়মান উলঙ্গ শরীরের দিকে তাকিয়ে আছে আমার নিজের ছেলে।পাশের ঘরে কাপড়টা জড়াতে জড়াতে ভাবছিলাম ছিঃ ছিঃ রুনু শেষকালে ছেলেকে দিয়ে আমাকে, এখন এই পোড়ামুখ দেখাব কি করে! এমন সময় পাশের ঘর থেকে ছেলের গলা পেলাম ,’ মাসি তুমি শেষমেশ মাকে ফিট করলে”।কেন মাকে চুদে আরাম পেলি না , না তোর মায়ের গুদে রস ঝরল না-রুনুর গলা।ছেলে- না তা নয়, তবু মাকে করা ……..রুনু- কি এমন মহাভারত অশুদ্ধ হল শুনি , আমিও তো মায়ের বন্ধু মানে মায়েরই মত ,কই একবারও তো এসব বলিস নি বরং কি গো মাসি কবে নতুন মাগী ফিট করছ ? বলে তো হাম্লাচ্ছিলি।ছেলে- যাঃ আমি মোটেও মাকে ফিট করতে বলি নি।রুনু- তা বলিস নি বটে কিন্তু মায়ের কষ্ট টা বুঝবি না ,তোর বাবা মারা যাবার পর কত দিন হল বলতো তোর মা চোদন খায়নি।আমি শুনে শিউরে উঠলাম ছিঃ ছিঃ রুনু এসব কি বলছে । রুনু আবার বলল তোর মা কষ্ট পাচ্ছিল বলেই আমাকে একটা লোকের কথা বলেছিল আর তুইও নতুন মাগী চাইছিলি ,আমি দুই এ দুই এ চার করে দিলাম।ছেলে- কিন্তু মা অমন হুড়মুড় করে ছুটে পালাল কেন? মাকে কি বল নি আমার কথা !রুনু- পাগল! তাহলে তোর মা এখানে আসতো? না তুই মাকে চুদতে পেতিস। আর পালিয়েছে লজ্জা পেয়ে ,যতই হোক পেটের ছেলেকে দিয়ে চোদাতে সব মেয়েরই লজ্জা করে। দাঁড়া তোর মাকে ধরে নিয়ে আসি । তা চুদবিতো মাকে না কি?ছেলে- আমারও কেমন লজ্জা করছে মাসি। কিন্তু অজান্তে একবার যখন হয়েই গেছে তখন …….রুনু- এই ত মরদ কি বাত !Bangla chotiআরে গুদ হল চোদার জন্য অত মা মাসি বাছতে গেলে চলে না , দাঁড়া তোর মায়ের লজ্জাটা ভাঙিয়ে নিয়ে আসছি।রুনু এ ঘরে এসে আমাকে ব্লল,’ কি রে অমন করে ছুটে পালিয়ে এলি কেন?আমি-ছিঃ ছিঃ রুনু এটা কি করলি বল তো!রুনু- বারে তুইতো বলেছিলি অনেকদিন চোদন খাসনি কাউকে একটা পেলে গুদের কুটকুটানি খানিক লাঘব হয়।আমি- হয়তঃ বলেছিলাম কিন্তু নিজের ছেলেকে দিয়ে ! এ ভাবাও পাপ ছিঃ ছিঃ।রুনু- রাখ ও সব পাপ পূন্যের বিচার ,নিজেকে বঞ্চনা ক্রা পাপ নয় ! যদি পাপও হয় তবে বহু মেয়ে এই পাপে পাপি!আমি- কি যা তা বলছিস আমিই প্রথম এই পাপ কাজ করলাম আমার মরা ছাড়া গতি নেই বলে ডুকরে উঠলাম ।রুনু-মহুয়া শান্ত হ, আমাদের অফিসে আশা বৌ্দির বয়স ৪৫-৪৬ হবে নিয়মিত ছেলের সাথে শোয়, ঘটনাটা আমি জানি,খুজলে অমন বহু মা-ছেলের চোদাচুদির কথা জানতে পারবি।আমি- হতে পারে তবু আমি কিছুতেই পারব না,মরলে আমার শান্তি হবে।রুনু এবার প্রায় আমাকে ধমকে উঠল কেন পারবিনা ছেলেটাকে জন্ম দিয়েছিস বলে । এরপর যদি তোরা সহজ না হতে পারিস বাড়িতে ওর সামনে মুখ দেখাবি কি করে, আর তুইশুধু নিজের কথা ভাবছিস তোর ছেলেও ভাবতে পারে তুই ওকে ভালবাসিস না ,বা মায়ের গুদ মারার অপরাধ বোধে যদি কিছু করে বসে। তার চেয়ে দুজনে সুখও লুটবি অথচ কাকপক্ষিতে টের পাবে না।

लौड़े की तकदीर-1 Laude Ki Taqdeer-1

HotSexStory  के पाठकों को मेरा प्रणाम.. जनाब.. मैं अपनी एक कहानी आपके समक्ष लाने जा रहा हूँ.. जो मुझे आज तक समझ नहीं आई कि लड़कियाँ और और...